Saturday 3 September 2016

Arthritis / आर्थ्राइटिस ke liye yog


संधि शोथ यानि "जोड़ों में दर्द" (Arthritis / आर्थ्राइटिस) के रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया भी कहते हैं।
संधिशोथ सौ से भी अधिक प्रकार के होते हैं। अस्थिसंधिशोथ (osteoarthritis) इनमें सबसे व्यापक है। अन्य प्रकार के संधिशोथ हैं - आमवातिक संधिशोथ या 'रुमेटी संधिशोथ' (rheumatoid arthritis), सोरियासिस संधिशोथ (psoriatic arthritis)।
संधिशोथ में रोगी को आक्रांत संधि में असह्य पीड़ा होती है, नाड़ी की गति तीव्र हो जाती है, ज्वर होता है, वेगानुसार संधिशूल में भी परिवर्तन होता रहता है। इसकी उग्रावस्था में रोगी एक ही आसन पर स्थित रहता है, स्थानपरिवर्तन तथा आक्रांत भाग को छूने में भी बहुत कष्ट का अनुभव होता है। यदि सामयिक उपचार न हुआ, तो रोगी खंज-लुंज होकर रह जाता है। संधिशोथ प्राय: उन व्यक्तियों में अधिक होता है जिनमें रोगरोधी क्षमता बहुत कम होती है। स्त्री और पुरुष दोनों को ही समान रूप से यह रोग आक्रांत करता है।
आर्थराइटिस ( गठिया ) के लिए योग
सूक्ष्म व्यायाम १० से १५ बार सारे
ताड़ासन
हस्त पादासन
त्रिकोणासन
गोमुखासन
पर्वतासन
अर्ध मस्तेन्द्र आसन
अर्ध उर्ध्व उपविष्ट कोणासन
पवनमुक्तासन
पद्संचालन
विपरीत नौकासन
मांजरा आसन
प्राणायाम
भस्रिका प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम
अनुलोम- विलोम प्राणायाम
त्रिबंध
मूलबन्ध
अश्विनी मुद्रा
वामन धोती
भ्रह्मारी
सवासन

खट्टी ,तेलीय ,मांस जैसी खाद्य का परहेज करे , रोजाना सूर्य स्नान करे हफ्ते में २ बार पुरे शरीर को या प्रभावित भाग की मालिश करें
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