Tuesday 20 September 2016

मिर्गी के लिए योग / Yoga for Epilepcy



अपस्मार या मिर्गी (वैकल्पिक वर्तनी: मिरगी, अंग्रेजी: Epilepsy) एक तंत्रिकातंत्रीय विकार (न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर) है जिसमें रोगी को बार-बार दौरे पड़ते है। मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण बार-बार दौरे पड़ने की समस्या हो जाती है।[1] दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है। इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है, जैसे चेहरे, हाथ या पैर पर। इन दौरों में तरह-तरह के लक्षण होते हैं, जैसे कि बेहोशी आना, गिर पड़ना, हाथ-पांव में झटके आना। मिर्गी किसी एक बीमारी का नाम नहीं है। अनेक बीमारियों में मिर्गी जैसे दौरे आ सकते हैं। मिर्गी के सभी मरीज एक जैसे भी नहीं होते। किसी की बीमारी मध्यम होती है, किसी की तेज। यह एक आम बीमारी है जो लगभग सौ लोगों में से एक को होती है।[2] इनमें से आधों के दौरे रूके होते हैं और शेष आधों में दौरे आते हैं, उपचार जारी रहता है। अधिकतर लोगों में भ्रम होता है कि ये रोगआनुवांशिक होता है पर सिर्फ एक प्रतिशत लोगों में ही ये रोग आनुवांशिक होता है। विश्व में पाँच करोड़ लोग और भारत में लगभग एक करोड़ लोग मिर्गी के रोगी हैं। विश्व की कुल जनसँख्या के ८-१० प्रतिशत लोगों को अपने जीवनकाल में एक बार इसका दौरा पड़ने की संभावना रहती है


मिर्गी के लिए योग
केवली प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम
अनुलोम विलोम प्राणायाम
मूल बंध
जालन्धर बंध
भ्रामरी
उद्गीत  ॐ
सारे प्राणायाम वायु मुद्रा या वात नाशक मुद्रा  या मृग मुद्रा में करे
आसन
ताड़ासन
नटराजासन
वृक्षासन
हस्तपादासन
अधोमुखस्वान आसन
प्रसारित उत्तानासन
शशांकासन
सुप्त वज्रासन
उष्ट्रासन
सर्वांगासन
हलासन
पवन-मुक्तासन
धनुरासन
सवासन


तनाव से दूर रहे और संतुलित आहार ले।
जितना हो सके उतना आराम करे|
व्यायाम करने से भी मिर्गी में फायदा पहुँचता है।
सेब का जूस भी मिर्गी के रोगी को लाभ पहुंचता है।
मिर्गी के रोगियों के लिए शहतूत का रस लाभदायक होता है।
अंगूर का रस मिर्गी के रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है।
गाय के दूध से बनाया हुआ मक्खन मिर्गी में फ़ायदा पहुंचाने वाला उपाय है।
रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से मिर्गी जल्द ही ठीक हो जाती है।
मिर्गी के रोगी को ज्यादा फैट वाला और कम कार्बोहाइड्रेड वाला डायट लेना चाहिए।
मिर्गी के रोगी को सप्ताह में एक बार फलो का सेवन अवश्य करना चाहिए।

मिर्गी के रोगी को ज़रा सी हींग को निम्बू के साथ चूसने से लाभ मिलता है।

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