अपनी दिनचर्या ऐसे रखे :
1. प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठे और उठते समय बायीं करवट से ही उठे।
2. जागने के तुरंत बाद मुँह में साफ़ पानी भरकर आँखों पर चालीस पचास बार छीटे मारिये। इससे आँखे कमजोर नही पड़ेगी और जिनके चश्मा लगा है वह भी उतर जायेगा।
3. सुबह सुबह ख़ाली पेट चाय बहुत नुकसानदायक है।
4. जब जब समय मिले तब तब सुबह धुप में खुले बदन जरूर बैठे।
5. भोजन के बाद लकड़ी के कंघे से सिर को खुजलाने से बालो का जल्दी गिरना, पकना, सिरदर्द और सिर में खाज नही होती।
6. दिन में दो बार खुल कर जरूर हँसे।
7. रोज चार पांच तुलसी और नीम की पत्तियो का सेवन करने से रोग नही होते।
8. दिन में सोने की आदत ना डाले।
9. रात को पानी पीकर और पाँव धोकर सोये।
10. बिस्तर पर पड़े पड़े नींद की राह देखना रोग को आमंत्रित करना है। नींद आने पर ही सोये।
11. सोते समय कभी मुँह ढक कर नही सोना चाहिए।
12. रात्रि 10 बजे तक सो जाना चाहिए।
13. अपनी बायीं करवट तथा पेट के बल सोने की आदत डाले।
14. नींद लाने के लिए कभी भी दवाई का सेवन ना करे।
15. थोड़े सख्त बिस्तर पर सोये और तकिया ना लगाये या पतला तकिया लगाये।
1. प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठे और उठते समय बायीं करवट से ही उठे।
2. जागने के तुरंत बाद मुँह में साफ़ पानी भरकर आँखों पर चालीस पचास बार छीटे मारिये। इससे आँखे कमजोर नही पड़ेगी और जिनके चश्मा लगा है वह भी उतर जायेगा।
3. सुबह सुबह ख़ाली पेट चाय बहुत नुकसानदायक है।
4. जब जब समय मिले तब तब सुबह धुप में खुले बदन जरूर बैठे।
5. भोजन के बाद लकड़ी के कंघे से सिर को खुजलाने से बालो का जल्दी गिरना, पकना, सिरदर्द और सिर में खाज नही होती।
6. दिन में दो बार खुल कर जरूर हँसे।
7. रोज चार पांच तुलसी और नीम की पत्तियो का सेवन करने से रोग नही होते।
8. दिन में सोने की आदत ना डाले।
9. रात को पानी पीकर और पाँव धोकर सोये।
10. बिस्तर पर पड़े पड़े नींद की राह देखना रोग को आमंत्रित करना है। नींद आने पर ही सोये।
11. सोते समय कभी मुँह ढक कर नही सोना चाहिए।
12. रात्रि 10 बजे तक सो जाना चाहिए।
13. अपनी बायीं करवट तथा पेट के बल सोने की आदत डाले।
14. नींद लाने के लिए कभी भी दवाई का सेवन ना करे।
15. थोड़े सख्त बिस्तर पर सोये और तकिया ना लगाये या पतला तकिया लगाये।
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